البيوع والكسب والزهد خرید و فروخت، کمائی اور زہد کا بیان ख़रीदना, बेचना, कमाई और परहेज़गारी 715. فقر و فاقہ کے بارے میں زیادہ پریشان ہونے کی ضرورت نہیں، مال و دولت کی فراوانی کے نقصانات، آپ صلی اللہ علیہ وسلم کی لائی ہوئی شریعت غیر مبہم ہے 715. “ ग़रीबी और भुकमरी के समय परेशान न होना ، माल दौलत अधिक होने का नुक़्सान ، रसूल अल्लाह ﷺ की लाई हुई शरीअत में कोई शक नहीं है ” 716. کیا موت اور قلت مال پسندیدہ چیزیں ہیں 716. “ क्या मौत और माल का कम होना पसंदीदा चीज़ें हैं ? ” 717. قلت مال خیرکی علامت ہے 717. “ माल का कम होना भलाई की निशानी है ” 718. فقر و فاقہ کی وجہ سے عند اللہ مقام و مرتبہ میں اضافہ 718. “ ग़रीबी और भुकमरी के कारण अल्लाह तआला के हाँ क्या दर्जा है ” 719. بقدر ضرورت روزی کی فضیلت 719. “ गुज़र बसर के अनुसार रोज़ी की फ़ज़ीलत ” 720. دنیا کی کتنی مقدار کفایت کرتی ہے؟ 720. “ दुनिया में कितनी ज़रूरत है ” 721. نبی کریم صلى اللہ علیہ وسلم کی روزی کی مقدار 721. “ रसूल अल्लाह ﷺ को कितनी रोज़ी की ज़रूरत ” 722. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم سے محبت کرنے والے . . . 722. “ रसूल अल्लाह ﷺ से मुहब्बत करने वाले... ” 723. غریبوں کی وجہ سے رزق ملنا 723. “ ग़रीबों के कारण रिज़्क़ मिलना ” 724. فقر و فاقہ کی تلافی کا سوال اللہ تعالیٰ سے کیا جائے 724. “ ग़रीबी को ख़त्म करने का सवाल अल्लाह तआला से करना चाहिए ” 725. بکریاں بابرکت ہیں 725. “ बकरियों में बरकत है ” 726. اونٹ باعث اور گھوڑے باعث خیر ہیں 726. “ ऊंट और घोड़ों में भलाई है ” 727. خرید و فروخت کی ممنوعہ صورتیں ایک سودے میں بیع بھی اور قرض بھی، ایک سودے میں دو شرطیں ایسی چیز کا سودا کرنا جو بائع کے پاس نہ ہو 727. “ ख़रीदने और बेचने के मना किये गए तरीक़े ● एक ही सौदे में बिक्री भी उधार भी ● एक ही सौदे में दो शर्तें ● ऐसी चीज़ का सौदा करना जो बेचने वाले के पास न हो ” 728. بیع عینہ 728. “ बैअ उयनह ” 729. محاقلہ اور مزابنہ 729. “ मुहाक़्लह और मुज़ाबनह ” 730. شہری، یہاتی کے لئے بیع نہ کرے 730. “ शहरी ، देहाती के लिए बिक्री न करे ” 731. ذخیرہ اندوزی منع ہے 731. “ जमाख़ोरी करना मना है ” 732. سود کی نحوست 732. “ ब्याज की बुराई ” 733. ربا الفضل 733. “ ब्याज समेत ले लेना ” 734. کتے اور شراب کی قیمت اور زانیہ کی کمائی حرام ہے کوبہ، نرد اور شطرنج کا معنی و مفہوم 734. “ कुत्ते और शराब की क़ीमत और ज़ानिया की कमाई हराम है ، कोबा ، जुआ और शतरंज का अर्थ ” 735. شکاری کتے اور بلے کی قیمت کا حکم 735. “ शिकारी कुत्ते और बिल्ले की क़ीमत के बारे में ” 736. بانسری بجانے والی کی کمائی کا حکم 736. “ बांसुरी बजाने वाले की कमाई का हुक्म ” 737. دنیا میں اجنبی یا مسافر کی حیثیت سے رہنے کی نصیحت 737. “ दुनिया में एक अजनबी या यात्री के रूप में रहने की सलाह ” 738. روز قیامت مالدار، کم تر ہوں گے 738. “ क़यामत के दिन धनी लोग नुक़सान में होंगे ” 739. بسیارخوری ناپسندیدہ ہے 739. “ अधिक पेट भर के खाना अच्छा नहीं ” 740. دنیا کی بےوقعتی 740. “ दुनिया की औक़ात ” 741. درہم و دینار مہلک ہیں 741. “ दरहम और दीनार में हलाकत है ” 742. مال و دولت میں کثرت و وسعت اختیار کرنے کا انجام برا ہے 742. “ अतिरिक्त माल और दौलत का होना ठीक नहीं ” 743. طلب دنیا میں میانہ روی اختیار کرنا 743. “ दुनिया को पाने के लिए मध्यम रस्ते को अपनाओ ” 744. کثرت مال سے دین متاثر ہوتا ہے 744. “ धन का अधिक होना दीन को प्रभावित करता है ” 745. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کی دنیا سے لاتعلقی 745. “ नबी करीम ﷺ का दुनिया से संबंध न होना ” 746. آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا دنیوی آساشوں کو ترجیح نہ دینا 746. “ रसूल अल्लाह ﷺ का दुनिया के आराम को पसंद न करना ” 747. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کی صدقہ و خیرات سے شدید محبت 747. “ रसूल अल्लाह ﷺ की सदक़ह और दान पूण से मुहब्बत ” 748. شبہات سے اجتناب کرنا 748. “ शक हो तो बचना चाहिए ” 749. صحابہ کی پیشہ تجارت سے محبت 749. “ सहाबह की व्यापार से मुहब्बत ” 750. ابن آدم کی حرص 750. “ इन्सान का लालच ” 751. ابن آدم کا حریص ہونا 751. “ इन्सान का लालची होना ” 752. بخل مہلک ہے 752. “ कंजूसी हलाकत और बर्बादी है ” 753. عورت باعث فتنہ کیوں ہے؟ 753. “ औरत फ़िटने का कारण क्यूँ है ? ” 754. رہتی دنیا تک آزمائشیں اور فتنے رہیں گے 754. “ दुनिया के अंत तक आज़माइश और फ़ितने रहेंगे ” 755. فتنے کب رونما ہوں گے؟ 755. “ फ़ितने कब पैदा होंगे ” 756. اولاد کا والدین کی طرف سے صدقہ کرنا 756. “ औलाद का माता पिता की ओर से सदक़ह करना ” 757. بدو سے خرید و فروخت کرنے کا انداز 757. “ बदु से ख़रीदने और बेचने का ढंग ” 758. عورت کا کمائی کرنا کیسا ہے؟ 758. “ औरत का कमाई करना कैसा है ” 759. امانت کی ادائیگی کا حکم اور خیانت کے عوض خیانت نہ کرنا 759. “ अमानत लोटा देना चाहिए और ख़यानत के बदले ख़यानत न करना ” 760. معاملات میں نرم خو آدمی کی فضیلت 760. “ मामलों में नरमी करने की फ़ज़ीलत ” 761. اگر خرید و فروخت کرنے والوں میں اختلاف پڑ جائے تو 761. “ यदि ख़रीदने और बेचने वालों के बीच मतभेद हो जाए ” 762. کس سودے میں واپسی کا اختیار ہوتا ہے 762. “ किस सौदे को वापस लिया जा सकता है ” 763. دھوکے دینے کے لیے جانور کا دودھ روکا جائے 763. “ धोका देने के लिए जानवर का दूध थनों में न रोको ” 764. زمین سے فائدہ حاصل کرنے پر اسلام کی ترغیب 764. “ ज़मीन से लाभ उठाने का इस्लाम में क्या बदला है ” 765. کاشتکاری باعث ذلت کیوں ہے؟ 765. “ खेती में अपमान क्यों है ? ” 766. حجام کی کمائی کیسی ہے؟ 766. “ हज्जाम की कमाई किसी है ” 767. اگر چوری والا مال چور کے علاوہ کسی دوسرے شخص کے پاس مل جائے تو 767. “ यदि चोरी किया गया माल चोर के बदले किसी दूसरे के पास मिल जाए ” 768. اللہ تعالیٰ اور لوگوں کا محبوب بننے کا نسخہ 768. “ अल्लाह तआला और लोगों का प्यारा कैसे बना जाए ” 769. ہاتھ کی کمائی اور درست بیع کی برکت 769. “ हाथ से कमाने और ईमानदारी से बेचने की बरकत ” 770. سیدنا داود علیہ السلام کا ذریعہ معیشت 770. “ दाऊद अलैहिस्सलाम की कमाई का माध्यम ” 771. دنیا کے قلیل ہونے کی مثال 771. “ दुनिया के छोटे होने की मिसाल ” 772. مال و دولت کیوں عطا کیا گیا؟ 772. “ माल और दौलत क्यों दिया गई है ” 773. ہر کام عمدگی کے ساتھ سرانجام دینا چاہیے 773. “ हर काम अच्छे ढंग से करना चाहिए ” 774. قسمیں اٹھا اٹھا کر مال بیچنے والا اللہ تعالیٰ کے ہاں ناپسندیدہ آدمی ہے 774. “ क़समें उठा उठा कर बेचने वाले को अल्लाह तआला पसंद नहीं करता है ” 775. تاجر فاجر کیوں ہے؟ 775. “ व्यापारी झूठा क्यों है ? ” 776. نیک تاجر کا مقام 776. “ नेक व्यापारी का दर्जा ” 777. لونڈی کی کمائی 777. “ लोंडी की कमाई ” 778. زمین ٹھیکے پر دینا 778. “ ज़मीन ठेके पर देना ” 779. شراکت والی چیز فروخت کرتے وقت شراکت دار کو مطلع کرنا 779. “ भागीदारी की चीज़ बेचने से पहले भागीदार को सूचित करना ” 780. کون سا نوجوان اللہ تعالیٰ کو پسند ہے؟ 780. “ कौनसा नौजवान अल्लाह तआला को पसंद है ” 781. ملاوٹ کا انتقام کیسے لیا گیا 781. “ मिलावट करने का बदला कैसे लिया गया ” 782. ٹیکس اکٹھا کرنے والا جہنمی ہے 782. “ टैक्स इकट्ठा करने वाला जहन्नमी है ” 783. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کی میراث کی تقسیم 783. “ रसूल अल्लाह ﷺ के विरसे का बंटवारा ” 784. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا عام دعوت قبول کرنا 784. “ रसूल अल्लाह ﷺ का सामन्य दावत को स्वीकार करना ” 785. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کے عطیے میں برکت کب ہوتی ہے؟ 785. “ रसूल अल्लाह ﷺ किसी को कुछ देते हैं तो उस में बरकत होती है ” 786. پیداوار کا تیسرا حصہ صدقہ کرنے کی فضیلت 786. “ उत्पादन का तीसरा भाग सदक़ह करने की फ़ज़ीलत ” 787. لوگوں کے معالات میں خواہ مخواہ دخل نہ دیا جا ئے 787. “ लोगों के मामलों में बिना कारण नहीं पड़ना चाहिये ” 788. نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا چھانے ہوئے آٹے کی روٹی رد کرنا 788. “ रसूल अल्लाह ﷺ का छाने हुए आटे की रोटी न खाना ” 789. تکلف و تصنع سے گفتگو کرنے والے ناپسندیدہ لوگ ہیں 789. “ अधिक और चतुराई से बोलने वाले लोगों को पसंद नहीं किया गया ” 790. جس کھانے سے پہلے بسمہ اللہ نہ پڑھی جائے، اس میں ابلیس کا حصہ ہوتا ہے 790. “ खाने से पहले बिस्मिल्लाह न पढ़ी जाए तो उस में इब्लीस यानि शैतान का भाग ” 791. ہر نیکی صدقہ ہے 791. “ हर नेकी सदक़ह है ” 792. طبعی حالت کے بارے میں سوال کا جواب 792. “ हाल पूछने के बारे में सवाल का जवाब ” 793. آدمی کو اپنی حیثیت کے مطابق مہر کی رقم مقرر کرنی چاہیے 793. “ आदमी को अपने हालात के अनुसार महर तय करना चाहिये ” 794. مال کا سوال کرنے سے گریز کرنے کی نصیحت 794. “ माल मांगने से बचने की नसीहत ” 795. دوسرے سے مال کب لیا جائے؟ 795. “ किसी से माल कब लिया जाए ” 796. بلاوجہ سوال کا انجام 796. “ बिना कारण मांगने का अंत ” 797. ہبہ شدہ چیز واپس لینے پر وعید 797. “ दान की गई चीज़ वपस लेने पर चेतावनी ” 798. قرض امن کا دشمن ہے 798. “ क़र्ज़ शांति और अमन का दुश्मन है ” 799. ادائیگی کے عزم سے قرضہ لینے پر اللہ تعالیٰ کی معاونت 799. “ भुगतान करने की नियत से क़र्ज़ लेने पर अल्लाह तआला का सहयोग ” 800. قرضہ چکاتے وقت زیادہ دے دینا 800. “ क़र्ज़ का भुगतान करते समय अधिक दे देना ” 801. سودا واپس کر لینے کی فضیلت 801. “ सौदा वापस लेने की फ़ज़ीलत ” 802. گھر کی قیمت کا مصرف 802. “ घर की क़ीमत का प्रयोग ” 803. کون سی میراث کو آگ کا داغ کہا جا سکتا ہے؟ 803. “ कोनसी विरासत को आग का दाग़ कहा जा सकता है ” 804. مکر و فریب کا انجام بد 804. “ धोखाधड़ी का बुरा अंत ” 805. خیانت کا انجام بد 805. “ ख़यानत का बुरा अंत ” 806. مسلمان اپنی شرطوں کے پابند ہیں 806. “ मुसलमान अपनी शर्तों का पाबंद है ” 807. زائد پانی روک لینا منع ہے 807. “ अतिरिक्त पानी रोकना मना है ” 808. رات کو فصلوں کی کٹائی کرنا منع ہے 808. “ रात में फ़सलों की कटाई करना मना है ” 809. ایک حیوان کے بدلے دو حیوانوں کا سودا 809. “ एक जानवर के बदले दो जानवरों का सौदा ” 810. ام الولد کی خرید و فروخت 810. “ उम्मुल वलद ( लड़के की मां ) को ख़रीदना और बेचना ” 811. «ومن الناس من يشتري لهو الحديث ليضل عن سبيل الله» کی تفسیر، گانے سننے سنانے کا حکم، گانے والیوں کی خرید و فروخت کا حکم 811. “ « وَمِنَ النَّاسِ مَن يَشْتَرِي لَهْوَ الْحَدِيثِ لِيُضِلَّ عَن سَبِيلِ اللَّـهِ بِغَيْرِ عِلْمٍ وَيَتَّخِذَهَا هُزُوًا » की तफ़्सीर ● गाना सुनने और सुनाने के बारे में ● संगीत के उपकरणों को ख़रीदने और बेचने के बारे में ” 812. حرام سے پلا ہوا جسم جنت میں داخل نہیں ہو گا 812. “ हराम खाकर पला बढ़ा शरीर जन्नत में नहीं जाएगा ” |
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा البيوع والكسب والزهد خرید و فروخت، کمائی اور زہد کا بیان ख़रीदना, बेचना, कमाई और परहेज़गारी مال و دولت میں کثرت و وسعت اختیار کرنے کا انجام برا ہے “ अतिरिक्त माल और दौलत का होना ठीक नहीं ”
سیدنا عبداللہ بن مسعود رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا:“ ”جاگیریں نہ بناؤ وگرنہ دنیا میں پڑ جاؤ گے۔“
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