पहनना ओढ़ना, सजना संवरना, खेलकूद और तस्वीरें
1294. “ घर में कुत्ता रखना मना है और घरों में तस्वीरें रखना या लगाना मना है ”
1295. “ यदि तस्वीर का सिर न हो तो ”
1296. “ अल्लाह तआला के घरों में तस्वीर बनाना या रखना हराम है ”
1297. “ जूते पहनने के नियम ”
1298. “ सिर मुंडवाने के नियम ”
1299. “ सुरमा लगाने के नियम ”
1300. “ इस्मद सुरमे की फ़ज़ीलत ”
1301. “ लुंगी पहनने का एक ढंग
1302. “ टख़नों के नीचे लुंगी आदि लटकाना हराम है ”
1303. “ क्या होगा अगर एक आदमी अपनी शलवार आदि को घमंड के कारण एड़ियों के नीचे न लटकाए ? ”
1304. “ औरतें लुंगी को कितना लटका सकती हैं ”
1305. “ इन्सान और उस का हर अंग सुंदर है ”
1306. “ बालों को संवारना ... हर दिन कंघी करना मना है ”
1307. “ सादगी ईमान का भाग है ”
1308. “ अपनी इच्छा से बढ़िया कपड़े का पहनना छोड़ देने की फ़ज़ीलत ”
1309. “ स्वार्थ का नतीजा बुरा होता है ”
1310. “ अल्लाह तआला बंदे पर दि गई नअमतों के प्रभाव को देखना पसंद करता है ”
1311. “ ऐशो आराम के बारे में ”
1312. “ नए कपड़े पहनने वाले के लिये दुआ ”
1313. “ सफ़ेद बालों की फ़ज़ीलत ”
1314. “ सफ़ेद बालों को रंगना ”
1315. “ जन्नत की मेंहदी ”
1316. “ लाल ज़ीन यानि काठी मना है ”
1317. “ ज़अफ़रानी यानि भगवा रंग के कपड़े पहनना मना है ، कपड़ों में क़ाफ़िरों की नक़ल करना हराम है ، चमकीले लाल कपड़े पहनना मना है ”
1318. “ वर्स और ज़ाअफ़रान बूटियों से रंगी हुई चादर पहनना ”
1319. “ आप ﷺ की अंगूठी की नक़ल करना मना है ”
1320. “ आप ﷺ का अंगूठी फेंकने का कारण ”
1321. “ ज़रूरत पड़ने पर औरतें घर से बाहर जा सकती हैं ”
1322. “ दाढ़ी बढ़ाना और मूंछ कटवाना ”
1323. “ दीवारों पर पर्दे टांगना मना है ”
1324. “ फूल बूटों वाले पर्दे लटकाना पसंद नहीं किये गए यानि मकरूह हैं ”
1325. “ संभोग के कारण अपवित्र और नशा करने वालों का दुर्भाग्य ”
1326. “ औरत को इस्लाम से पहले के जैसे बने हम्मामों में जाना मना है ”
1327. “ सोने और रेशम का हुक्म ”
1328. “ यदि गहनों का उपयोग केवल दिखावे के लिए हो तो...”
1329. “ लोहे की अंगूठी मना है ”
1330. “ सोने और चांदी के बर्तनों का उपयोग हराम है ”
1331. “ मिस्वाक की फ़ज़ीलत ”
1332. “ आप ﷺ को हरा रंग पसंद था ”
1333. “ पगड़ी कैसे बांधें ”
1334. “ आप ﷺ के सफ़ेद बाल ، नबी ﷺ की सुंदरता ، नबी ﷺ की मुहर ”
1335. “ आप ﷺ का तकिया ”
1336. “ औरतों के लिए मोज़े पहनने की छूट ”
1337. “ आप ﷺ का ईद के दिन का लिबास ”
1338. “ औरतों को नक़ली बाल ( विग ) लगाना मना है ”
1339. “ उन औरतों पर लाअनत है जो अल्लाह तआला की दी हुई सूरत को बदलती हैं ”
1340. “ चेहरे पर निशान लगाने वाले पर लाअनत है ”
1341. “ हाथ में छड़ी होनी चाहिए
1342. “ इस तरह से बैठना मना है कि शरीर के कुछ भाग पर सूरज चमक रहा है और दूसरों पर छाया पड़ रही है। नमाज़ में दो तरह के कपड़े मना हैं ”
1343. “ नंगा होना मना है ”
1344. “ दरिंदों की खाल पहनना या उनकी सवारी करना मना है ”

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سلسله احاديث صحيحه کل احادیث 4103 :حدیث نمبر
سلسله احاديث صحيحه
सिलसिला अहादीस सहीहा
اللباس والزينة واللهو والصور
لباس، زینت، لہو و لعب، تصاویر
पहनना ओढ़ना, सजना संवरना, खेलकूद और तस्वीरें
بالوں کو سنوارنا . . . روزانہ کنگھی کرنا منع ہے
“ बालों को संवारना ... हर दिन कंघी करना मना है ”
حدیث نمبر: 1960
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-" اكرموا الشعر".-" أكرموا الشعر".
سیدہ عائشہ رضی اللہ عنہ سے مروی ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: بالوں کی تعظیم کیا کرو۔
حدیث نمبر: 1961
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-" من كان له شعر فيلكرمه".-" من كان له شعر فيلكرمه".
سیدنا ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے مروی ہے کے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جس کے بال ہوں، وہ ان کی تکریم کیا کرے۔
حدیث نمبر: 1962
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-" إن اتخذت شعرا فاكرمه".-" إن اتخذت شعرا فأكرمه".
سیدنا سعید بن عبدالرحمٰن جحشی رضی اللہ عنہ سے مروی ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے سیدنا ابوقتادہ رضی اللہ عنہ سے فرمایا: اگر تمہارے بال ہوں تو ان کی تعظیم کیا کرو۔
حدیث نمبر: 1963
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-" كان يكثر دهن راسه ويسرح لحيته بالماء".-" كان يكثر دهن رأسه ويسرح لحيته بالماء".
سیدنا سہل بن سعد رضی اللہ عنہ سے مروی ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم اپنے سر پر بہت زیادہ تیل لگاتے تھے اور پانی لگا کر داڑھی کی کنگھی کرتے تھے۔
حدیث نمبر: 1964
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-" كان ينهانا عن الإرفاه، قلنا: وما الإرفاه؟ قال: الترجل كل يوم".-" كان ينهانا عن الإرفاه، قلنا: وما الإرفاه؟ قال: الترجل كل يوم".
عبداللہ بن شقیق کہتے ہیں: نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کا ایک صحابی مصر میں عامل تھا، اس کے بال بکھرے ہوئے، بلکہ بہت بکھرے ہوئے تھے، اس کے پاس آپ صلی اللہ علیہ وسلم کا ایک دوسرا صحابی آیا اور اسے کہا: کیا وجہ ہے کہ تیرے بال بہت زیادہ بکھرے ہوئے ہیں، حالانکہ تو امیر بھی ہے؟ انہوں نے کہا: نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے ہمیں «اِرْفَاه» سے منع فرمایا۔ ہم نے پوچھا: «اِرْفَاه» سے کیا مراد ہے؟ انہوں نے کہا: روزانہ کنگھی کرنا۔
حدیث نمبر: 1965
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-" نهى صلى الله عليه وسلم عن الترجل إلا غبا".-" نهى صلى الله عليه وسلم عن الترجل إلا غبا".
سیدنا عبداللہ بن مغفل رضی اللہ عنہ سے مروی ہے کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے کنگھی کرنے سے منع فرمایا، مگر کبھی کبھار۔

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