“ ख़यार ! बिकरी के बारे में ” |
1 |
488 |
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“ मुलामसह और मुनाबज़ह ! बिकरी के बारे में ” |
3 |
489 سے 491 |
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“ अराया ! बिकरी के बारे में ” |
1 |
492 |
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“ मुज़ाबनह और मुहाक़्लह ! बिकरी के बारे में ” |
2 |
493 سے 494 |
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“ लेन देन में शर्तों का ध्यान रखना चाहिए ” |
1 |
495 |
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“ कच्चे फल को बेचना मना है ” |
2 |
496 سے 497 |
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“ अंदाज़ा करके माल बेचने के बारे में ” |
1 |
498 |
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“ अपने क़्ब्ज़े में लिए बिना माल बेचना जाइज़ नहीं ” |
3 |
499 سے 501 |
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“ जो चीज़ मौजूद न हो उस को बेचने के बारे में ” |
1 |
502 |
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“ ज़मीन को ठेके पर देने के बारे में ” |
1 |
503 |
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“ जो मालिक पेवंद लगाए फलों पर उसी का हक़ है ” |
1 |
504 |
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“ दुसरे के सौदे पर सौदा करना जाइज़ नहीं ” |
2 |
505 سے 506 |
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“ झूठी बोली लगाना मना है ” |
2 |
507 سے 508 |
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“ ख़रीदते और बेचते समय धोका हो तो क्या कहे ” |
1 |
509 |
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“ कमी या ज़्यादती के साथ उधार के बदले नक़द बेचना जाइज़ नहीं ” |
1 |
510 |
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